5 आसन, जो योग की शुरुआत करने वालों के लिए हैं बेस्ट
अगर आप योग में एकदम नए हैं या पहली बार योगाभ्यास शुरू कर रहे हैं तो, ऐसे कई योगासन हैं जिन्हें सीखना आपके लिए जरूरी है, ताकि आप आसानी से इन्हें कर सकें। फिर चाहें आप किसी योग क्लास या घर में योग कर रहे हों या अपनी ऑफिस चेयर पर योग कर रहे हों।
हर चीज को संक्षिप्त में बता पाना कई बार संभव नहीं हो पाता है क्योंकि योग विज्ञान में 300 से भी ज्यादा आसनों के बारे में बताया गया है। लेकिन इन आसन को करने के लिए शरीर को उनके अनुकूल बनाना पड़ता है। किसी योगी की योग यात्रा को शुरू करने के लिए इन आसनों की शुरुआत का ही बड़ा महत्व बताया गया है।
इसीलिए इस आर्टिकल में मैं आपको बिगिनर्स योग के 5 आसनों के बारे में जानकारी दूंगा। इन आसनों को अगर आप रोज 5-10 सांस लेने और छोड़ने तक भी करते रहेंगे तो, ये बाकी योगासनों के अभ्यास के लिए आपके शरीर और मन को तैयार करने में मदद करेंगे।
बिगिनर्स के लिए योगासन (Yoga Asanas For Beginners)
1. अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana/Downward Facing Dog Pose)
अधोमुख श्वानासन योग विज्ञान का बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है। योग गुरु और योग शिक्षक, योग सीखने की इच्छा रखने वालों को सबसे पहले इसी योगासन का अभ्यास करने की सीख देते हैं। अधोमुख श्वानासन पूरे शरीर को अच्छा खिंचाव और मजबूती देता है।
जैसे एक सेब रोज खाने से डॉक्टर घर नहीं आता है। वैसे ही रोज अधोमुख श्वानासन का अभ्यास करने से भी डॉक्टर और बीमारियां आपसे दूर रहते हैं। इस आसन के अभ्यास से आप स्ट्रेस, एंग्जाइटी, डिप्रेशन और अनिद्रा/इंसोम्निया जैसी समस्याओं से भी दूर रहते हैं।
अधोमुख श्वानासन करने की विधि :
योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
सांस खींचते हुए पैरों-हाथों के बल शरीर को उठाएं और टेबल जैसी आकृति बनाएं।
सांस को बाहर निकालते हुए धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की तरफ उठाएं।
अपनी कुहनियों और घुटनों को सख्त बनाए रखें।
तय करें कि शरीर उल्टे 'V' के आकार में आ जाए।
इस आसन के अभ्यास के दौरान कंधे और हाथ एक सीध में रहें।
पैर हिप्स की सीध में रहेंगे। ध्यान रहे कि आपके टखने बाहर की तरफ रहेंगे।
अब हाथों को नीचे जमीन की तरफ दबाएं।
गर्दन को लंबा खींचने की कोशिश करें।
आपके कान आपके हाथों के भीतरी हिस्से को छूते रहें।
अपनी निगाह को नाभि पर केन्द्रित करने की कोशिश करें।
कुछ सेकेंड्स तक रुकें और उसके बाद घुटने जमीन पर टिका दें।
मेज जैसी स्थिति में फिर से वापस आ जाएं।
पेड़ की तरह खड़े रहकर और संतुलन बनाकर किया जाने वाला वृक्षासन बिगिनर्स के लिए बेहद शानदार आसन है। ये आसन योगी को फोकस बढ़ाने और संतुलन हासिल करने में मदद करता है। इस आसन के अभ्यास के दौरान आप सांसों को संतुलित करना सीखते हैं और एक पैर पर शरीर का संतुलन साधना भी सीखते हैं। ये आसन आपको कोर से मजबूत बनाने में मदद करता है।
2. वृक्षासन (Vrikshasana/ Tree Pose)
वृक्षासन करने की विधि :
योग मैट पर सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं।
दोनों हाथ को जांघों के पास ले आएं।
धीरे-धीरे दाएं घुटने को मोड़ते हुए उसे बायीं जांघ पर रखें।
बाएं पैर को इस दौरान मजबूती से जमीन पर जमाए रखें।
बाएं पैर को एकदम सीधा रखें और सांसों की गति को सामान्य करें।
धीरे से सांस खींचते हुए दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठाएं।
दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर 'नमस्कार' की मुद्रा बनाएं।
दूर रखी किसी वस्तु पर नजर गड़ाए रखें और संतुलन बनाए रखें।
रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। शरीर मजबूत के साथ ही लचीला भी रहेगा।
गहरी सांसें भीतर की ओर खींचते रहें।
सांसें छोड़ते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें।
धीरे-धीरे हाथों को नीचे की तरफ लेकर आएं।
अब दायीं टांग को भी जमीन पर लगाएं।
वैसे ही खड़े हो जाएं जैसे आप आसन से पहले खड़े थे।
इसी प्रक्रिया को अब बाएं पैर के साथ भी दोहराएं।
3. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana/ Seated Forward Bend Pose)
पश्चिमोत्तानासन योग विज्ञान का बेहद महत्वपूर्ण आसन है। इस आसन को बैठकर और सामने की तरफ झुककर किया जाता है। इसके अभ्यास से हैमस्ट्रिंग, पीठ के निचले और ऊपरी हिस्से के साथ ही साइड्स को भी अच्छा स्ट्रेच मिलता है। पश्चिमोत्तानासन हर उस योगी के लिए बेहतरीन आसन है जिसने हाल ही में योग का अभ्यास शुरू किया है।
पश्चिमोत्तानासन करने की विधि :
जमीन पर दोनों पैरों को एकदम सीधे फैलाकर बैठ जाएं।
दोनों पैरों के बीच में दूरी न हो और जितना संभव हो पैरों को सीधा रखें।
इसके साथ ही गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को भी सीधा रखें।
इसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों (Knees) पर रखें।
अब अपने सिर और धड़ (Trunk) को धीरे से आगे की ओर झुकाएं।
घुटनों को बिना मोड़े हाथों से पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें।
गहरी श्वास लें और धीरे से श्वास को छोड़ें।
अपने सिर और माथे को दोनों घुटनों से छूने की कोशिश करें।
बांहों को झुकाएं और कोहनी ((Elbow) से जमीन को छूने की कोशिश करें।
श्वास को पूरी तरह छोड़ दें और इसी मुद्रा में कुछ देर तक बने रहें।
कुछ सेकेंड के बाद वापस पहली वाली मुद्रा में आ जाएं।
अब सामान्य रूप से श्वास लें और इस आसन को 3 से 4 बार दोहराएं।
4. सेतु बंधासन (Setu Bandhasana/ Bridge Pose)
सेतु बंधासन, असल में अधोमुख श्वानासन का विपरीत आसन है। अधोमुख श्वानासन में जहां शरीर को आगे की तरफ से झुकाया जाता है। वहीं सेतु बंधासन में शरीर को पीछे की तरफ से झुकाया जाता है। इस आसन को उन योगियों के लिए बेस्ट माना जाता है जिन्होंने हाल ही में योग का अभ्यास शुरू किया है।
सेतु बंधासन करने की विधि :
योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। सांसो की गति सामान्य रखें।
इसके बाद हाथों को बगल में रख लें।
अब धीरे-धीरे अपने पैरों को घुटनों से मोड़कर हिप्स के पास ले आएं।
हिप्स को जितना हो सके फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं। हाथ जमीन पर ही रहेंगे।
कुछ देर के लिए सांस को रोककर रखें।
इसके बाद सांस छोड़ते हुए वापस जमीन पर आएं।
पैरों को सीधा करें और विश्राम करें।
10-15 सेकेंड तक आराम करने के बाद फिर से शुरू करें।
योग करने के बाद एक अवस्था ऐसी भी आती है जब योगी को विश्राम की आवश्यकता पड़ती है। ऐसी अवस्था में योगी विश्राम पाने और शरीर की थकान को दूर करने के लिए बालासन का अभ्यास करते हैं। बालासन न सिर्फ बिगिनर्स बल्कि हर स्तर के योगियों का सर्वश्रेष्ठ आसन है।
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