उपवास : स्वस्थ के लिए है वरदान 


हर धर्म में, त्योहार के साथ भगवान के रिश्ते को मजबूत करने के लिए 'उपवास' करने की सिफारिश की जाती है। लेकिन उपवास धार्मिक कारणों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, कई बीमारियों की जड़ हानिकारक / विषाक्त कारक है जो शरीर में बनी रहती है। इसलिए उपवास पेट को राहत देता है और हानिकारक पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद करता है।

फलों और हल्के भोजन के साथ उपवास भी पाचन को उत्तेजित करता है। पाचन तंत्र पर दबाव को कम करने में मदद करता है।

वायुमंडल, गुरुत्वाकर्षण मानव शरीर को प्रभावित करता है। जो कि मिजाज बनाता है। मानसिक तनाव बढ़ने पर चिड़चिड़ापन, ईर्ष्या जैसी भावनाएँ भी बढ़ती हैं। उपवास से पेट में एसिड बिल्डअप बढ़ता है। इससे कई समस्याओं को नियंत्रित करना आसान हो जाता है।

एक बार जब शरीर और मन को डिटॉक्स किया जाता है, तो शरीर को इससे ऊर्जा भी मिलती है। अधिक उत्थान और ताजगी महसूस करता है।

उपवास  करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

उपवास करते समय आहार, व्यायाम और स्वास्थ्य का गणित करें। बहुत थकाने वाले व्यायाम से बचें, काम करें। तैलीय या लगातार खाद्य पदार्थों से बचें। इसके बजाय, अमृत थालिपिथ, फलों का हल्का आहार लें। इससे पाचन तंत्र पर बोझ नहीं पड़ेगा। लस्सी और छाछ जैसे पानी या पेय पदार्थों का खूब सेवन करें।